रेत माफियाओं द्वारा बगैर लायल्टी के अवैध रेत खनन को जिला प्रशासन के नाक के नीचे अंजाम दिया जा रहा है,किंतु जिला प्रशासन मौन है
गरियाबंद जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर मालगांव नदी के रेत घाट पर चैन माउंटेन मशीन से अवैध तरीके से रेत खनन किया जा रहा है,
साथ ही अवैध वसूली भी कि जा रही है ।
सोचनीय विषय तो यह है कि गरियाबंद जिला मुख्यालय से लगे मुख्य मार्ग मे ही रेत माफिया खुलेआम इस अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं
किंतु खनिज विभाग गहरी निद्रा मे सो रही है।
रेत
घाट को टेंडर के माध्यम से स्वीकृत किया गया है । किंतु अभी तक पर्यावरण
से एनओसी तथा खनिज विभाग गरियाबंद द्वारा रॉयल्टी जारी नहीं किया गया
है,उसके बावजूद स्वीकृत खदान के ठेकेदार द्वारा गलत तरीके से चैन माउंटेन
मशीन लगाकर अवैध रेत खनन करवाया जा रहा है।
स्थानीय
प्रशासन के आला अधिकारियों को इस बारे मे बार बार अवगत कराया गया किंतु
प्रशासन द्वारा अनदेखा करना इस बात कि ओर इशारा करता है जैसे प्रशासनिक
संरक्षण में ही अवैध रेत खनन व परिवहन को अंजाम दिया जा रहा है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय कुछ लोग इसपर राजनीति समर्थन लेने का भी प्रयास कर रहे हैं ।
किंतु अवैध खनन के इस मामले पर यदि राजनीति करण शामिल होता है तो सच की इस लड़ाई में यूनियन के पत्रकार भी पीछे नहीं रहेंगे ।
छ
ग जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन गरियाबंद जिला इकाई द्वारा अवैध रेत खनन पर
अंकुश लगाने की मांग करते हुए कहा गया है कि यदि जिला प्रशासन द्वारा इसपर
कार्यवाही नहीं किया जाता है तो यूनियन के पत्रकारों द्वारा धरना प्रदर्शन
के साथ हड़ताल तक का सफर तय करेंगे ।
वर्शन
खनिज अधिकारी
फागु लाल नागेश
अभी खदान स्वीकृति नहीं हुआ है और अगर किसी के द्वारा रॉयल्टी के नाम पर वसूली करते पाया गया तो दण्डनात्मक कार्यवाही किया जाएगा ।
वर्शन
परस देवांगन
पूर्व में मैं अपने निजी उपयोग के लिए खदान से रेत लाया था तो मुझसे भी पैसे की मांग किया और मैं दिया था ।