सुपोषण वाटिका में लाल भाजी, पालक और मूली तैयार
राजनांदगांव।
सुपोषण अथवा अच्छी सेहत के लिए बच्चों, गर्भवती महिलाओं व शिशुवती माताओं
को आंगनवाड़ी केंद्र और घर की बाड़ी में उगाई हुई सब्जियां परोसी जा रही हैं।
इसके लिए जिले में 3,501 पोषण वाटिका बनाई गई हैं, जहां पर लालभाजी, पालक,
मुनगा व पपीता जैसे कई पौष्टिक फल-सब्जियां उगाई जा रही हैं तथा
लाभार्थियों को स्थानीय स्तर पर ही पौष्टिक साग-सब्जी एवं फल मिलने लगे
हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिले में सुपोषण के प्रयासों के
फलस्वरूप 3,501 आंगनवाड़ी केंद्रों में इन दिनों पोषक तत्वों से भरपूर लाल
भाजी, पालक भाजी और मूली जैसी सब्जियां लहलहा रही हैं। कुपोषण से लड़ने के
लिए पौष्टिक आहार सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। पौष्टिक आहार में भी हरी
पत्तेदार सब्जियां एवं फल अति आवश्यक तत्व हैं। स्थानीय उपलब्ध संसाधनों के
माध्यम से हरी पत्तेदार सब्जियों की सतत् आपूर्ति करने के लिए ही जिले में
सुपोषण वाटिका के निर्माण को प्रमुखता दी गई है। इस संबंध में महिला एवं
बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने बताया, आंगनवाड़ी
केन्द्रों के माध्यम से वर्ष भर 03 से 06 वर्ष के बच्चों एवं गर्भवती
महिलाओं को गरम भोजन या कोरोना संक्रमण काल में सूखा राशन प्रदाय किया जाता
है। गरम भोजन में चावल, दाल, रोटी तथा सब्जी दी जाती है। इसके साथ ही साल
के 12 महीनों में सब्जी की उपलब्धता बनी रहे एवं स्वाद तथा पोषण की पूर्ति
होती रहे, इसके लिए पोषण वाटिकाओं का विकास कर उसमें स्थानीय साग-भाजी उगाई
जाती है। इसी तरह जिले के आंगनवाड़ी केंद्रों में पूरे वर्षभर उपलब्ध होने
वाली साग-भाजी जैसे लाल भाजी, पालक भाजी, मेथी भाजी, धनिया आदि तथा मुनगा,
पपीता, अमरूद, आम, केला आदि का रोपण आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका
बनाकर किया गया है। जिले में 12 परियोजनाओं के लगभग सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों
तथा हितग्राहियों के घरों में सुपोषण वाटिका विकसित की गई हैं, ताकि
आंगनवाड़ी के हितग्राही बच्चों, गर्भवती, शिशुवती माताओं के भोजन में
पर्याप्त पोषण को बनाए रखा जा सके। 390 आंगनवाड़ी केन्द्रों सहित जिले में
कुल 3,501 पोषण वाटिका बनाई गई है।
इधर, सुपोषण वाटिका बनने से दुलकी
गांव की गर्भवती महिला सरोज वर्मा बहुत खुश हैं। वह कहती हैं, आंगनवाड़ी
कार्यकर्ता और मितानिनों के माध्यम से पोषण संबंधी जानकारी तो समय-समय पर
मिलती ही रही है, अब सुपोषण वाटिका की भाजी सहित अन्य हरी-ताजी सब्जियां भी
खाने को मिल रही हैं, जो स्वयं तथा गर्भस्थ शिशु की सेहत के लिए फायदे की
ही बात होगी।