विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर किया गया नशा मुक्ति आध्यात्मिक प्रदर्शनी का आयोजन
रायपुर। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा अन्तर्राज्यीय बस टर्मिनल भाठागांव और रेल्वे स्टेशन रायपुर के मुख्य प्रवेश द्वार क्रमांक-2 में एक दिन के लिए नशा मुक्ति आध्यात्मिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
रेल्वे स्टेशन में आयोजित नशा मुक्ति आध्यात्मिक प्रदर्शनी का उद्घाटन छ.ग. गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, रेल्वे के सहायक वाणिज्यिक प्रबन्धक शम्भु साह, वाणिज्यिक निरीक्षक एच.एन. मिश्रा और क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने किया। इसी तरह अन्तर्राज्यीय बस टर्मिनल में आयोजित प्रदर्शनी का शुभारम्भ अपर कलेक्टर एन.आर.साहू ने किया। बाद में जोन कमिश्नर एम.आर.चन्द्राकर और टिकरापारा के पार्षद मनोज वर्मा भी बस स्टैण्ड में प्रदर्शनी का अवलोकन करने के लिए आए।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए रेल मण्डल रायपुर के सहायक वाणिज्यिक प्रबन्धक शम्भु साह ने कहा कि समाज से नशाखोरी की समस्या को खत्म करने के लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है। विशेषकर तम्बाकू से होने वाले नुकसान के बारे में सचेत करके ही लोगों को इसके सेवन से बचाया जा सकता है। प्रदर्शनी के माध्यम से नशा करने के कारण के साथ व्यक्ति और समाज पर उसके दुष्प्रभाव तथा उसके निवारण के बारे में वैज्ञानिक ढंग से विश्लेषण किया गया है।
विधायक एवं छ.ग. गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा ने प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि नशाखोरी करना मौत को आमंत्रण देना है। रेल्वे स्टेशन ऐसी जगह है जहॉं पर प्रतिदिन हजारों लोगों का आना-जाना होता है, ऐसी जगह पर नशा मुक्ति आध्यात्मिक प्रदर्शनी का आयोजन करने से निश्चित रूप से हजारों यात्रियों को प्रेरणा मिलेगी।
अपर कलेक्टर एन.आर. साहू ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी मानव कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। यह यात्रियों के लिए प्रेरणादायक है। ऐसी प्रदर्शनियाँ निरन्तर आयोजित होते रहना चाहिए।
क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि हमारा शरीर एक मन्दिर के समान है जिसमें चैतन्य आत्मा विराजमान रहती है, अत: हमें दुव्र्यसनों का सेवन कर इस मन्दिर को अपवित्र नही करना चाहिए। उन्होने बतलाया कि संयुक्त राष्टï्र द्वारा किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक नशाखोरी करने वाले लोगों में 75 प्रतिशत संख्या ऐसे युवकों की पाई गई जिनकी उम्र 25 वर्ष से कम थी।
उन्होने युवाओं को नशाखोरी से बचाने के लिए अभिभावकों को सुझाव देते हुए कहा कि प्रतिदिन समय निकालकर थोड़ा समय उनके साथ व्यतीत करें, घर में नशे की कोई भी सामग्री नही रखें और स्वयं व्यसनों से मुक्त रहकर अपने बच्चों के आगे अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करें।